शौर्य दिवस पर कविता

६ दिसम्बर,किसी भी वर्ष का एक सामान्य दिन,भारतीय राजनीति का का एक खास
दिन,६-दिसम्बर -१९९२ ,बाबरी मस्जिद ढहाई गई, दो दिलों के बीच नफ़रत की
दीवार उठाई गई.इस दिन को  कोई शौर्य दिवस के रूप में मनायेगा,कोई
पुरुषार्थ दिवस के रूप में  ,कोई  धिक्कार दिवस के रूप में मनाएगा,कोई
इसे इन्सानियत शर्मसार दिवस के रूप में मनायेगा.लाश गिन-गिन संसद की
सीढ़िया चढ़ते लोग..लिब्राहम रिपोर्ट में इल्जाम सब पर ,मुजरिम कोई
नही......
जले पर नमक यह कि इस घटना पर एक श्वेत-पत्र लाने की बात हुई थी....शायद
.उन्हे मालूम नहीं....इतिहास के काले पन्नों से श्वेत-पत्र नहीं लिखा
जाता..
अयोध्या बाबरी मस्जिद प्रकरण पर हुए दंगे पर  उत्पन्न एक सहज
आक्रोश.....उस समय लिखी गई एक सहज कविता....]

                                एक कविता :श्वेत-पत्र पर खून की छींटे..

श्वेतपत्र पर खून की छींटे मिट न सकेंगे
चाहे जितना तथ्य जुटा लो टिक न सकेंगे


                सरयू की लहरें साक्षी हैं रघुकुल रीति जहाँ की
                  प्राण जाए पर वचन न जाए ऐसी बात कहाँ थी
                एक ईंट क्या ढही! हजारों ढही आस्था  मन की
                पूछ रहे हैं सिकता कण,रक्त-रंजित धार किधर की??


गिध्दों के घर शान्ति कबूतर टिक न सकेंगे
श्वेत-पत्र पर खून के .....


                मन्दिर-मस्जिद नहीं बने हैं ईंटे-पत्थर-गारों से
                ईश्वर कभी नहीं बँट सकता खंजर और कटारों से
                मन की श्रध्दा अगर प्रबल हो,पत्थर भी शिवालय है
                धर्म कभी नहीं सिंच सकता नर-रक्त की  धारों से


लंगड़ी टांगे बहुत दूर तक चल न सकेंगे
श्वेत-पत्र पर खून के.....


                जली बस्तियाँ ,टूटे चूल्हे ,जलती लाश तबाही  देखा
                निर्दोष बिलखते बच्चों को अब बोलो कौन गवाही देगा?
                शब्दों के आश्वासन से तो सूनी माँग नहीं भर सकती
                 राखी वाले हाथ कटे हैं  बोलो कौन सफ़ाई देगा ??


आरोपें और प्रत्यारोपें बिक न सकेंगे
श्वेत-पत्र पर खून के....


                श्वेत-पत्र   में तथ्य नहीं ,इतिहास  नहीं, हिसाब चाहिए
                किस-किस ने मिलकर किया हमे विश्वासघात जवाब चाहिए
                हम गूँगी पीढ़ी नहीं कि असमय काल-पात्र में दफ़न हो गये
                छिनी अस्मिता रोटी जिनकी ,उनको भी इंसाफ़  चाहिए


बहुत पी चुके और हलाहल पी न सकेंगे
श्वेत-पत्र पर खून के छींटे....


Comments

Popular posts from this blog

शौर्य दिवस 6 दिसम्बर

शौर्य दिवस 6 दिसम्बर पर मशाल जुलूस रैली